डॉक्टरों के विरोध के बाद कैबिनेट ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर अपना फैसले में संशोधन किया। कैबिनेट के फैसले के अनुसार अब शासकीय अस्पताल निजी संस्था को सौंपने के स्थान पर उनसे संबद्ध किया जाएगा। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले डॉक्टर ट्रेनिंग ले सकेंगे। स्टाफ और डॉक्टर निजी मेडिकल कॉलेज की समितियों के अधीन नहीं होंगे।
इसके साथ ही पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अब एक रुपए टोकन मनी पर 25 एकड़ सरकार भूमि देंगी। यह जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि प्रदेश के 12 जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं। इसके लिए पूर्व में निविदा निकाली गई थी, जिसे अब संशोधित किया गया है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि निविदा प्रपत्र में परिवर्तन करने एवं अन्य निराकरण किए जाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पीपीपी परियोजनाओं के लिए गठित राज्य स्तरीय सशक्त समिति को अधिकृत किया गया है। पीपीपी मोड के निजी मेडिकल कॉलेजों में आयुष्मान से 75 प्रतिशत तक इलाज फ्री मिलेगा।